Generative AI क्या है और यह कैसे काम करता है? पूरी जानकारी

By Yogi Deep

Generative AI (जनरेटिव एआई) (जनकसूत्री कृत्रिम बुद्धीमत्ता) आज टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा ट्रेंड बन चुका है। क्या आपने कभी सोचा था कि एक मशीन कविता लिख सकती है, चित्र बना सकती है, या संगीत की रचना कर सकती है? जी हाँ, यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि जेनरेटिव-एआई (Generative AI) की वास्तविकता है! यह तकनीक न केवल डेटा को समझती है, बल्कि उससे नए और यूनिक आउटपुट भी तैयार करती है। आइए, इस अद्वितीय टेक्नोलॉजी के रहस्यों को समझते हैं और जानते हैं कि यह हमारे जीवन को कैसे बदल रही है।

Generative AI क्या है? (What is Generative AI?)

जेनरेटिव-एआई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वह शाखा है जो मौजूदा डेटा का उपयोग करके नयी सामग्री बना सकती है। यह टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो, यहाँ तक कि वीडियो भी जेनरेट कर सकती है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ नकल नहीं करती, बल्कि क्रिएटिविटी दिखाती है। उदाहरण के लिए, OpenAI का GPT-4 या Google का Imagen जैसे टूल्स इसी टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं। यह टेक्नोलॉजी क्रिएटिव कार्यों को आसान और तेज़ बनाने में मदद करती है।

Generative AI Concept ART
Generative AI Concept ART

यह एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक है, जिसने कई इंडस्ट्रीज में क्रांति ला दी है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम इंसानों द्वारा बनने वाली सामग्रियों को इस तकनीक द्वारा बना सकते हैं। यह तकनीक मशीनों को इतना सक्षम बना देती है की इसमें टेक्स्ट जनरेशन से लेकर इमेज सिंथेसिस, विडियो और संगीत रचना जैसे कई कंटेंट शामिल हैं। 

Generative AI में महारत हासिल करने के बाद लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, डेटा साइंस और क्रिएटिव इंडस्ट्रीज़ जैसे क्षेत्रों में रोमांचक नौकरियों के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक को सिखने वाले लोग वर्तमान में दूसरे किसी भी टेक्नोलॉजी को जानने वाले लोगों से अधिक सफल होंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के वर्तमान डिजिटल युग की जरूरत है और यही कारण है कि इस क्षेत्र में काफी नौकरियां उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ के बारे में यहां बताया गया है:

  • AI रिसर्चर: वर्तमान में AI रिसर्च फील्ड में ढेर सारी नौकरियां उपलब्ध है। इन रिसचर्स का काम एडवांस्ड जेनरेटिव मॉडल विकसित करना, इन्हें ट्रेन करना एवं इनके वर्किंग प्रोसेस को सरल बनाना होता है।
  • डेटा साइंटिस्ट: डाटा साइंटिस्ट का काम Generative AI का उपयोग करके बड़े डाटा से काम की चीजें निकालना एवं उनका उपयोग करके AI को और एडवांस बनाना।
  • कंटेंट क्रिएशन: Generative AI का उपयोग करके आप नित्य नए-नए कंटेंट बना सकते हैं। उदाहरण के लिए आप कहानी लिख सकते हैं, कविताएं लिख सकते हैं, आर्टिकल इत्यादि और भी बहुत कुछ लिख सकते हैं।
  • AI एथिक्स कंसल्टेंट: AI-जनरेटेड कंटेंट के क्या-क्या नैतिक प्रभाव हो सकते हैं इनका विश्लेषण इत्यादि किया जाता है।

Generative AI कैसे काम करता है? (How Does Generative AI Work?)

जेनरेटिव-एआई न्यूरल नेटवर्क्स और डीप लर्निंग पर निर्भर करती है। यह बड़े डेटासेट्स को ट्रेन करके पैटर्न्स सीखती है और फिर उन पैटर्न्स के आधार पर नई रचना करती है। जैसे, अगर आप इसे हज़ारों कविताएँ दिखाएँगे, तो यह अपनी अनोखी कविता लिख सकती है। इस प्रक्रिया में GANs (जेनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स) जैसी एडवांस्ड तकनीकें भी शामिल होती हैं, जहाँ दो AI मॉडल्स एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए बेहतर रिजल्ट्स देते हैं।

इन मॉडल्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें अनसुपरवाइज्ड या सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग तकनीकों के जरिए ट्रेन किया जा सकता है। इससे ऑर्गनाइजेशन्स को बड़ी मात्रा में अनलेबल्ड डेटा का उपयोग करके फाउंडेशन मॉडल्स बनाने में आसानी होती है। 

फाउंडेशन मॉडल्स, जैसे GPT-3 और Stable Diffusion, इसके उदाहरण हैं। GPT-3 जैसे मॉडल का उपयोग करके यूजर द्वारा दिए गए टेक्स्ट रिक्वेस्ट के आधार पर कविताएं, निबंध, कहानी, लेख इत्यादि जैसे अनगिनत आउटपुट जनरेट किया जा सकता है।वहीं, Stable Diffusion यूजर्स को टेक्स्ट इनपुट के आधार पर फोटोरियलिस्टिक इमेजेस बनाने की क्षमता प्रदान करता है। कभी-कभी यह तस्वीरें इतनी वास्तविक होती है कि इन्हें पहचान पाना भी मुश्किल होता है।

मशीन लर्निंग मॉडल्स

Generative AI सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरह मशीन लर्निंग मॉडल्स पर काम करता है। ये बड़े पैमाने पर प्री-ट्रेंड मॉडल्स होते हैं, जो विशाल डेटा की मात्रा पर प्रशिक्षित होते हैं।

फाउंडेशन मॉडल्स (Foundation Models)

फाउंडेशन मॉडल (FM) एक तरह से छोटे बच्चों की तरह होता है, छोटे बच्चे जैसे चीजों को धीरे-धीरे सीखते हैं और सीखने के बाद स्वयं से करने लगते हैं। पहले यह छोटे-छोटे कामों को करना सिखाते हैं फिर धीरे-धीरे यह उन सभी कामों में एक्सपर्ट हो जाते हैं। 

फाउंडेशन मॉडल्स (FMs) मशीन लर्निंग मॉडल्स होते हैं, जो सामान्य और अनलेबल्ड डेटा के व्यापक स्पेक्ट्रम पर प्रशिक्षित होते हैं। ये कई तरह के सामान्य कार्यों को करने में सक्षम होते हैं। FM दशकों से विकसित हो रही तकनीक का नवीनतम परिणाम हैं। फाउंडेशन मॉडल सीखे गए पैटर्न और उससे जुड़े संबंधों का उपयोग करके अपने टास्क को पूरा करता है।

उदाहरण के लिए, इमेज जेनरेशन मॉडल सबसे पहले एक इमेज का विश्लेषण करता है। इसके पश्चात वह इस इमेज जैसा कुछ यूनिक बनता है। इसी प्रकार से टेक्स्ट मॉडल में पिछले दिए गए टेक्स्ट कमांड और उसके संदर्भ के आधार पर AI मॉडल अगले शब्दों एवं पैराग्राफ का चुनाव करता है कि आगे क्या लिखना है।

लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (Large Language Models)

लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) फाउंडेशन मॉडल्स (FMs) का एक वर्ग हैं। उदाहरण के लिए, OpenAI का जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (GPT) एक LLM है। इस मॉडल का कार्य भाषा-आधारित डाटा को जनरेट करना है, जैसे सारांश, टेक्स्ट जनरेशन, वर्गीकरण, खुली बातचीत और किसी विषय पर सूचना प्राप्त करना इत्यादि। LLMs की खासियत यह है कि वे कई कार्य कर सकते हैं, क्योंकि इनमें अरबों पैरामीटर होते हैं, जो उन्हें एडवांस कॉन्सेप्ट को सीखने में सक्षम बनाते हैं।

Generative AI टूल्स और उनके उपयोग

Generative-AI का उपयोग क्रिएटिव्स, इंजीनियर्स, रिसर्चर्स और वैज्ञानिकों के कार्यों को सरल बनाने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से टेक्स्ट को इमेज में, इमेज को ऑडियो में, और वीडियो को टेक्स्ट में बदला जा सकता है। यह टूल्स विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं, जैसे टेक्स्ट, इमेज, संगीत, कोड और आवाज़। कुछ लोकप्रिय टूल्स हैं:

Generative AI की सीमाएँ एवं उपयोग

हालांकि Generative AI में कई अपडेट्स हुए हैं, लेकिन यह कभी-कभी गलत या भ्रामक जानकारी दे सकता है। कई बार यह अपने ट्रेनिंग डाटा में हुए गलतियों के हमें गलत जानकारियां दे सकता है। हालाँकि यह अपने गलतियों से सीखते हुए स्वयं से ही स्वयं को अपडेट करता रहता है। लेकिन इसके आलावा भी हमारे लिए आगे अन्य कई बाधाएं आ सकती हैं:

  • सुरक्षा: वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना पावरफुल है कि यह हमें जानकारी देने के लिए इंटरनेट से डाटा को इकट्ठा करता है। अतः इससे डाटा लीक होने की संभावना, उसकी गोपनीयता एवं सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  • रचनात्मकता: वर्तमान में AI की रचना करने की कल्पना धीरे-धीरे बहुत एडवांस हो गई है, लेकिन अगर आप ध्यान दें तो इन सभी रचनाओं में मानवीय भावना की कमी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल अपने प्रशिक्षण उत्तर के अनुरूप ही रचनाएं कर सकता है और यही इसकी वर्तमान कमी है।
  • लागत: AI के बड़े मॉडल को ट्रेन करने में ढेर सारी बिजली एवं महंगे महंगे कंप्यूटेशनल उपकरणों की आवश्यकता होती है। अतः ऐसे मॉडल को चलाने में काफी ढेर सारी लागत आती है।
  • आउटपुट: यह मॉडल बहुत कठिन और अपारदर्शी होते हैं, एक समय के बाद उनके आउटपुट देने की प्रक्रिया को समझना बहुत कठिन हो जाता है। 
  • सैंपलिंग स्पीड: जितने बड़े मॉडल होते हैं उनमें आउटपुट जनरेट करने का समय भी अधिक लगता है। क्योंकि उनमें अधिक सैंपल होते हैं।
  • हाई-क्वालिटी डेटा की कमी: जनरेटिव मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले डेटा की आवश्यकता होती है। जिनको लीगली खरीदने में बहुत लागत आ सकती है अतः यह मॉडल लो क्वालिटी डाटा पर धीरे-धीरे ट्रेन होते हैं।
  • डेटा लाइसेंसिंग: इन मॉडल्स से जेनरेटेड डाटा का कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने में कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 

Generative AI के फायदे (Benefits of Generative AI)

  1. नया कंटेंट जनरेशन: वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना पावरफुल हो गया है कि इस तकनीक का उसे करके हम नया कंटेंट जैसे इमेज, वीडियो और टेक्स्ट इत्यादि आसानी से बना सकते हैं।
  2. मौजूदा AI सिस्टम्स को बेहतर बनाना: वर्तमान में मौजूदा नए लैंग्वेज मॉडल दूसरे दूसरे पहले से बेहतर मॉडल का प्रयोग करके स्वयं को और ज्यादा बेहतर बना रहे हैं। यह नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन जैसी तकनीकों की दक्षता भी बढ़ाती है।
  3. डेटा का विश्लेषण: इसके माध्यम से हम कंपलेक्स डाटा के पैटर्न्स को समझ सकते हैं। इसके अलावा हम बड़े से बड़े डाटा का सरल तरीके से एनालिसिस कर सकते हैं।
  4. कार्यों को स्वचालित करना: आज के समय में ऑटोमेशन हर क्षेत्र की जरूरत बनता जा रहा है। इसके माध्यम से हर प्रकार के बिजनेस प्रोसेस को तेज एवं स्वचालित बनाया जा सकता है।

Generative AI से होने वाले नुकसान

हर चीज के अच्छे एवं बुरे दोनों पहलू होते हैं, इस प्रकार Generative AI की तेज़ प्रगति के साथ यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में यह इंसानों से भी बेहतर काम कर सकता है और इसके कई सारे नुकसान भी हमें झेलनें पड़ सकते हैं:

डीपफेक (Deepfakes)

डीपफेक AI-जनरेटेड मीडिया है, जो किसी मौजूदा इमेज या वीडियो में व्यक्ति को किसी और की शक्ल से बदल देता है। जुलाई 2023 में, Logically ने पाया कि Midjourney, DALL-E 2 और Stable Diffusion जैसे मॉडल्स गलत सूचनाओं वाली छवियाँ बना सकते हैं, जैसे अमेरिका में चुनावी धोखाधड़ी या भारत में मुस्लिम महिलाओं द्वारा भाजपा समर्थन।

ऑडियो डीपफेक

आवाज़ जनरेशन सॉफ्टवेयर का दुरुपयोग कर सेलिब्रिटीज़ और सार्वजनिक हस्तियों की आवाज़ में विवादास्पद बयान उत्पन्न किए गए हैं, जिससे नैतिक चिंताएँ बढ़ी हैं।

नस्लीय और लैंगिक भेदभाव

Generative AI अपने डेटा में मौजूद त्रुटि पूर्ण अथवा अधूरे डाटा के कारण यह भेदभाव को बढ़ावा दे सकता है। उदाहरण के लिए, यह डॉक्टरों को पुरुष और नर्सों को महिला मान सकता है।

नौकरी

2023 में रिपोर्ट्स के अनुसार, इमेज जनरेशन AI के कारण चीन में वीडियो गेम इलस्ट्रेटर्स की 70% नौकरियाँ खत्म हुईं। अन्य ऑनलाइन रिपोर्ट्स की माने तो इसके कारण ग्राफिक डिजाइनर्स को काम मिलना भी काफी मुश्किल हो गया है। 

साइबर अपराध

Generative AI का उपयोग फर्जी कंटेंट बनाने में किया जा रहा है, जैसे फिशिंग स्कैम और डीपफेक वीडियो। इन सब के माध्यम से बहुत बड़ेस्तर पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है।

पर्यावरण पर प्रभाव

AI के बढ़ते ऊर्जा उपयोग से कार्बन उत्सर्जन, जल की खपत और बिजली की मांग बढ़ रही है। जिसके कारण पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।


अतः Generative-AI एक शक्तिशाली टूल है जो विभिन्न उद्योगों और व्यक्तियों के लिए नए अवसर प्रदान करता है। हालांकि, इसकी कुछ चुनौतियां भी हैं, जिन्हें भविष्य में हल किया जा सकता है। इसके फायदे हैं, लेकिन इसके नुकसानों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।  यह तकनीक AI के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसका भविष्य उज्ज्वल है।

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