आप में से कई लोग यह सोचते होंगे कि आखिर यह रैम जेनरेशन है क्या? हम सभी ने DDR, DDR2 DDR3 DDR4 और DDR5 रैम के बारे में सुना जरूर होगा। अब ऐसे में इनमें क्या अंतर है? और आपके लिए इनमें से कौन सा रैम बेस्ट होगा, इस पोस्ट के माध्यम से हम इसे विस्तार में जानते हैं।
आज कंप्यूटर लैपटॉप से लेकर हमारे स्मार्टफोन तक में रैंडम एक्सेस मेमोरी यानी की रैम का प्रयोग होता है। यहां जैसे-जैसे कंप्यूटर का विकास होते गया वैसे-वैसे रैम का भी विकास हुआ और यहीं से आया हमारा रैम जेनरेशन। वर्तमान में रैम के इतने सारे जेनरेशन आ चुके हैं, जिस कारण हो सकता है यह पोस्ट आपको थोड़ा सा भ्रमित करें, इसीलिए हमने इस पोस्ट को अधिक से अधिक सरल बनाने का प्रयास किया है। जिससे आपको रैम के बारे में सबसे आसान भाषा में सबसे अच्छी जानकारी मिल सके।
SDRAM क्या है?
SDRAM रैम (Synchronous Dynamic Random Access Memory) को सन 1988 में कंप्यूटर के स्पीड को बढ़ाने के विकसित किया गया था और यहीं से रैम के एक नए युग की शुरुआत हुई। जैसा कि SDRAM के नाम से ही हम समझ सकते हैं (सिंक्रोनस डायनामिक रैंडम एक्सेस मेमोरी) इस प्रकार की मेमोरी मॉड्यूल को सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के टाइमिंग के अनुसार ऑटोमेटेकली सिंक्रोनाइज होकर कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह SDRAM प्रति क्लॉक साइकिल एक बार में केवल रीड अथवा राइट कर सकता है। इस प्रकार के रैम का प्रयोग सन 1970 से लेकर सन 1990 तक किया गया था। सन 1992 में सैमसंग ने अपना पहला कमर्शियल SDRAM Samsung KM48SL2000 लॉन्च किया था, जिसकी क्षमता मात्र 16 Mbit थी। इसे सैमसंग ने 1992 CMOS (complementary metal–oxide–semiconductor) फैब्रिकेशन प्रोसेस द्वारा बनाया था। परंतु सन 2000 आते आते SDRAM की जगह DRAM ने ले ली थी। क्योंकि SDRAM की तुलना में DRAM की परफॉर्मेंस कई गुना बेहतर थी।
DDR क्या है?
रैम में DDR का अर्थ होता है डबल डाटा रेट, इस टेक्नोलॉजी को सन 2000 में लॉन्च किया गया था। यह SDRAM की तुलना में डाटा ट्रांसफर और डाटा प्रोसेसिंग करने में काफी तेज था। जहां SDRAM में एक बार में या तो डाउनबीट अथवा अपबीट क्लॉक सिग्नल भेजे जा सकते थे, वही DDR रैम की सहायता से एक साथ अपबीट एवं डाउनबीट दोनों क्लॉक सिग्नल में प्रति साइकिल दो गुना डाटा ट्रांसफर किया जा सकता था। एक साथ दोगुनी गति से डाटा ट्रांसफर करने के कारण यह SDRAM मेमोरी से भी तेज बन गया था।
इस प्रकार से DDR रैम का पहला जेनरेशन बना, इसे लोग DDR1 के नाम से भी जानते हैं। DDR की बस ट्रांसफर रेट 266 MT/s से लेकर 400 MT/s (मेगा ट्रांसफर प्रति सेकंड) के मध्य थी, जहां इसकी फ्रीक्वेंसी लगभग 100 मेगाहर्ट्ज से लेकर 400 मेगाहर्ट्ज के बीच थी। यहां SDRAM की तुलना में DDR रैम पावर भी बहुत कम खपत करता था।
SDRAM | DDR | |
Launch | 1988 | 2000 |
Transfer Rate (GB/s) | 0.8 – 1.3 | 2.1 – 3.2 |
Data Rate (MT/s) | 100 – 166 | 266 – 400 |
Prefetch | 1 – Bit | 2 – Bit |
Voltage (V) | 3.3 | 2.5 – 2.6 |
समय के साथ DDR टेक्नोलॉजी भी विकसित हुई और इसमें कई और अन्य सुधार भी हुए जिससे कंप्यूटर की गति में और तेजी आई। चलिए आगे बढ़ते हुए हम जानते हैं कंप्यूटर रैम के नेक्स्ट जेनरेशन के बारे में।
DDR vs DDR2
DDR (Double Data Rate) और DDR2 (Double Data Rate 2) रैम दो अलग अलग जनरेशन्स की रैम टेक्नोलॉजी है। जहाँ DDR रैम सन 2000 में लॉन्च हुआ था वही DDR 2 रैम सन 2003 में लॉन्च हुआ था। DDR RAM की मैक्सिमम ट्रांसफर रेट 3.2 GB/s प्रति सेकंड है और वही DDR2 RAM की मैक्सिमम ट्रांसफर रेट 6.4 GB/s प्रति सेकंड है।
DDR2 रैम DDR टेक्नोलॉजी का ही एक अपग्रेडेड वर्जन है, जिसमें हाई स्पीड ट्रांसफर रेट, कम वोल्टेज की खपत और पहले से बेहतर बैंडविथ और लेटेंसी जैसी सुविधाएं थी। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती गई वैसे-वैसे मार्केट में और नई जनरेशन वाले रैम जैसे की DDR3, DDR4 इत्यादि आने लगे।
DDR | DDR2 | |
Launch | 2000 | 2003 |
Prefetch | 2 – Bit | 4 – Bit |
Data Rate (MT/s) | 266 – 400 | 533 – 800 |
Transfer Rate (GB/s) | 2.1 – 3.2 | 4.2 – 6.4 |
Voltage (V) | 2.5 – 2.6 | 1.8 |
DDR2 vs DDR3
DDR3 RAM टेक्नोलॉजी DDR2 RAM का ही एक अपग्रेडेड वर्जन है। DDR3 रैम सन 2007 में मार्केट में लॉन्च हुआ था। डाटा ट्रांसफर रेट के मामले में DDR3, DDR2 से दो गुना तेज था। DDR2 रैम अभी के समय में आउटडेटेड हो गया है लेकिन आज भी काफी यूजर DDR3 रैम का प्रयोग करते हैं। शुरुआती दौर में DDR3 रैम DDR2 से थोड़ा महंगा था, परंतु जैसे-जैसे मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ने लगी वैसे-वैसे इसकी प्राइस नॉर्मल होती चली गई।
DDR2 | DDR3 | |
Launch | 2003 | 2007 |
Prefetch | 4 – Bit | 8 – Bit |
Data Rate (MT/s) | 533 – 800 | 1066 – 1600 |
Transfer Rate (GB/s) | 4.2 – 6.4 | 8.5 – 14.9 |
Voltage (V) | 1.8 | 1.35 – 1.5 |
DDR3 vs DDR4
DDR4 रैम DDR3 से दो से तीन गुना तेज है। इसके साथ ही यह DDR3 रैम से काफी कम वोल्टेज खपत करता है। वर्तमान में DDR4 रैम कंप्यूटर्स और लैपटॉप्स में सबसे अधिक प्रयोग होने वाला रैम है। DDR3 रैम को सपोर्ट करने वाले मदरबोर्ड पर आप DDR4 रैम का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। DDR4 रैम का प्रयोग करने के लिए आपको DDR4 कंपैटिबल मदरबोर्ड लेना पड़ेगा।
प्राइस की बात करें तो वर्तमान में DDR4 रैम DDR3 रैम से थोड़ा सा ज्यादा महंगा है। लेकिन यदि आप थोड़ा सा सर्च करेंगे तो आपको सस्ते DDR4 रैम भी मिल जाएंगे।
DDR3 | DDR4 | |
Launch | 2007 | 2014 |
Prefetch | 8 – Bit | Bit per Bank |
Data Rate (MT/s) | 1066 – 1600 | 2133 – 5100 |
Transfer Rate (GB/s) | 8.5 – 14.9 | 17 – 25.6 |
Voltage (V) | 1.35 – 1.5 | 1.2 |
DDR4 vs DDR5
आज लगभग हर नए पीसी और लैपटॉप में DDR4 एवं DDR5 रैम का प्रयोग किया जा रहा है। वही वर्तमान में DDR1 और DDR2 रैम पूरी तरह से आउट डेटेड हो चुके हैं। DDR5 रैम अभी तक का सबसे लेटेस्ट जेनरेशन रैम है। यह रैम मेमोरी आज के सभी लेटेस्ट मदरबोर्ड को सपोर्ट करता है। स्पीड की बात करें तो यह अभी तक का सबसे फास्ट RAM Memory है।
DDR4 | DDR5 | |
Launch | 2014 | 2020 |
Prefetch | Bit per Bank | 16 – Bit |
Data Rate (MT/s) | 2133 – 5100 | 3200 – 6400 |
Transfer Rate (GB/s) | 17 – 25.6 | 38.4 – 51.2 |
Voltage (V) | 1.2 | 1.1 |
RAM Comparison
DRAM लगभग 1960 के आसपास लॉन्च हुआ था, इसके बाद इस रैम के कई जेनरेशन लॉन्च हुए जिन में DDR सन 2000 में लॉन्च हुआ, DDR2 सन 2003 में, DDR3 2007 में, DDR4 2014 में और DDR5 रैम 2020 में लॉन्च हुआ था।
अभी DDR6 रैम टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है, जो 2024 से लेकर 2025 के बीच में लॉन्च हो सकता है। इसकी स्पीड अभी तक के सभी रैम जेनरेशन से तेज होगी।
DRAM | DDR | DDR2 | DDR3 | DDR4 | DDR5 | |
Launch | 1988 | 2000 | 2003 | 2007 | 2014 | 2020 |
Prefetch | 1 – Bit | 2 – Bit | 4 – Bit | 8 – Bit | Bit per Bank | 16 – Bit |
Data Rate (MT/s) | 100 – 166 | 266 – 400 | 533 – 800 | 1066 – 1600 | 2133 – 5100 | 3200 – 6400 |
Transfer Rate (GB/s) | 0.8 – 1.3 | 2.1 – 3.2 | 4.2 – 6.4 | 8.5 – 14.9 | 17 – 25.6 | 38.4 – 51.2 |
Voltage (V) | 3.3 | 2.5 – 2.6 | 1.8 | 1.35 – 1.5 | 1.2 | 1.1 |
तो आशा है रैम से जुड़े आपके सभी प्रश्नों का समाधान इस पोस्ट के माध्यम से आपको मिल गया होगा। इस पोस्ट को बेहद सरल बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे सभी को बिलकुल आसानी से रैम से जुड़ी सभी टेक्निकल चीजों को समझने में सहायता मिल सके।
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