भारत का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है? भारत का पहला सुपर कंप्यूटर किसने बनाया? First Supercomputer of India, किन हालातों में बना भारत का पहला सुपर कंप्यूटर? PARAM 8000 भारत के पहले सुपर कंप्यूटर बनने की रोचक कहानी, आजादी के 44 साल बाद बना था देश का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000, अमेरिका ने सुपर कंप्यूटर देने से इंकार कर दिया था, तब भारत ने खुद ही बना डाला सुपर कंप्यूटर, आइए जानते हैं तब से लेकर अब तक की पूरी कहानी, इतिहास एवं इसकी विशेषताएँ
वर्तमान में भारत देश टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी आगे निकल चुका है, यह केवल हमारे देश की ही बात नहीं है बल्कि आज के समय में हमारे गांव भी डिजिटल भारत से जुड़ चुके हैं। लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था एक समय ऐसा था कि हमारा देश तकनीक के मामले में दूसरे देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, चीन एवं रूस जैसे देशों से काफी पीछे था।
ठीक उसी समय अमेरिका ने अपना सुपर कंप्यूटर बना लिया था, उस समय भारत सरकार ने सुपर कंप्यूटर को देश में लाना चाहा परंतु अमेरिका नहीं चाहता था कि कोई भी देश उनसे आगे निकल पाए। अतः अमेरिका ने सुपरकंप्यूटर देने से मना कर दिया। फिर क्या था भारतीय वैज्ञानिकों ने दिन रात एक कर के भारत का ही स्वदेशी सुपर कंप्यूटर PARAM 8000 बना डाला, आइए भारत के सबसे पहले सुपर कंप्यूटर का इतिहास विस्तार से जानते हैं।
नाम | PARAM 8000 (परम ८०००) |
कब बना | 1987-1990 |
प्रकार | सुपर कंप्यूटर |
बनने में लगा समय | 3 वर्ष |
संस्था | Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) सी-डैक |
नोड | 64 |
ट्रांस्पुटर्स | Inmos T800/T805 |
आर्किटेक्चर | Distributed Memory MIMD |
सैद्धांतिकप परफारमेंस | 1 GFLOPS |
निरंतर परफारमेंस | 100-200 MFLOPS |
PARAM 8000: भारत का पहला सुपर कंप्यूटर
परम 8000 परम सीरीज का भारत का पहला स्वदेशी सुपर कंप्यूटर था, जिसे C-DAC (सी-डैक) ने पूर्ण रूप से भारत में विकसित किया था। इस सुपर कंप्यूटर में 64 CPU थे एवं इसकी शुरुआती परफारमेंस स्पीड 1GFLOPS एवं इसकी मैक्सिमम बेंच मार्क स्पीड 5GFLOPS तक की थी, PARAM 8000 अपने समय का विश्व का दूसरा सबसे तेज सुपर कंप्यूटर था। सन 1991 में यह सुपर कंप्यूटर पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था। परम 8000 में Inmos T800 Transputers का प्रयोग किया गया था।
परम को अंग्रेजी में Supreme कहते हैं अर्थात सबसे श्रेष्ठ, और उस दिन हुआ भी यही था, यह बात तब की है जब पहली बार भारत 1990 में अपने सुपर कंप्यूटर की प्रदर्शनी करने ज्यूरिख सुपर-कंप्यूटिंग शो में पहुंचा था, जहां दुनिया के सभी दिग्गज अपने-अपने सुपरकंप्यूटर्स के साथ उपस्थित थे। इसके पश्चात जब भारत के सुपर कंप्यूटर की स्पीड टेस्टिंग हुई तो पूरी दुनिया यह देखकर दंग रह गई। भारत का PARAM 8000 दुनिया का दूसरा एवं एशिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बन चुका था।
परम 8000 सुपर कंप्यूटर का इतिहास
1980 के दशक में जब भारत को रिसर्च एवं डेवलपमेंट करने के लिए सुपर कंप्यूटर की आवश्यकता थी, तब भारत ने उन सभी देशों से मदद मांगी जिनके पास सुपर कंप्यूटर से, परंतु जैसे ही अमेरिका अपने एडवांस सुपर कंप्यूटर देने ने मना किया, (वह हमें पुराने सुपर कंप्यूटर दे रहा था) अमेरिका के कारण अन्य देशों ने भारत को सुपर कंप्यूटर देने से मना कर दिया, लेकिन फिर आगे होना क्या था, भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी कड़ी मेहनत से भारत में ही स्वदेशी सुपर कंप्यूटर परम 8000 को बना लिया।
मार्च 1988 में Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) की स्थापना की गई, इसकी स्थापना भारत में स्वदेशी सुपर कंप्यूटर बनाने के उद्देश्य से की गई थी, जिसकी कमान डॉ. विजय पांडुरंग भटकर के हाथों सौंपी गई। विजय पांडुरंग भटकर ने कहा कि मैंने आज पहले कभी भी सुपर कंप्यूटर को नहीं देखा है, परंतु हम इसे अवश्य बना लेंगे।
अंत में 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद भारत में संपूर्ण विश्व को चौंका दिया, भारत ने विश्व का दूसरा सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बना लिया और इसका इनाम दिया गया परम 8000, यह सुपर कंप्यूटर उस सुपर कंप्यूटर से 28 गुना तेज था जिस Supercomputer को भारत अमेरिका से खरीदना चाहता था।
उस समय हमें अमेरका अपना आधुनिक सुपरकंप्यूटर न दे कर Cray X-MP सुपरकंप्यूटर दे रहा था, जिसे उस समय कोई भी देश लेना नहीं चाहता था। लेकिन भारत के वैज्ञानिको नें 3 वर्ष की कड़ी मेहनत से परम 8000 Supercomputer को बना लिया को अमेरिका के Cray X-MP सुपर कंप्यूटर से बहुत कम दाम में बन गया और यह उससे कई गुना तेज भी था। Supercomputer बनाने में रूस नें भारत की काफी मदद भी की थी और यहीं से सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में भारत का रास्ता पूरे विश्व के लिए खुल गया।
परम 8000 सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं
- परम 8000 भारत का पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर है, जिसे (C-DAC) सी-डैक ने सन 1991 में बनाया था।
- PARAM 8000 को मौसम की भविष्यवाणी, रिमोट सेंसिंग, मॉलिक्यूलर मॉडलिंग एवं ड्रग डिजाइनिंग के लिए बनाया गया था।
- परम 8000 Supercomputer को बनने में केवल 3 वर्ष का समय लगा एवं इसका बजट ₹34 करोड़ था।
- PARAM 8000 अपने समय का दूसरा सबसे पावरफुल सुपरकंप्यूटर था।
- परम 8000 को बनाने के लिए 24 घंटे काम किया जाता था, उसमें से भी सभी इंजीनियर एवं साइंटिस्ट को अपने मन से समय चुनने का विकल्प दिया जाता था।
- इस Supercomputer प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे पहले 20 लोगों को 6 महीने तक बिना सैलरी के कार्य करना पड़ा था।
- इस सुपर कंप्यूटर के प्रोटोटाइप को 1990 में जूरिक सुपरकंप्यूटिंग शो में पेश किया गया था जहां इसने जापान जर्मनी एवं रसिया को पर छोड़ते हुए US के बाद दूसरा सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बन गया था।
परम सुपर कंप्यूटर का उपयोग
किसी भी देश को साइंस एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सुपरकंप्यूटर्स की आवश्यकता होती है। हम सुपर कंप्यूटर का उपयोग विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए करते हैं। किसी भी देश को विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए Supercomputer की आवश्यकता होती है। यह हमारे समय को बचाता है इसके साथ ही यह तकनीक से जुड़े हर क्षेत्र में उससे जुड़ी संभावनाओं को सटीकता से मापने में हमारी मदद करता है।
1980 के दशक में सुपरकंप्यूटर्स का प्रयोग मौसम की भविष्यवाणी, रिमोट सेंसिंग, मॉलिक्यूलर मॉडलिंग, ड्रग डिजाइनिंग, परमाणु परीक्षण, हथियारों के परीक्षण इत्यादि के लिए किया जाता था।
परम सुपर कंप्यूटर के फायदे
विश्व में किसी भी देश को विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ने के लिए सुपर कंप्यूटर्स की बहुत ही आवश्यकता होती है। यह हमारे रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कार्यों को काफी तेजी से करने में मदद करता है। जहां बिना सुपरकंप्यूटर्स के किसी रिसर्च को करने में यदि 100 वर्ष का समय लगता है, उसी कार्य को सुपर कंप्यूटर की सहायता से हम मात्र कुछ ही महीनों के अंदर कर सकते हैं।
सुपर कंप्यूटर की सहायता से हम मौसम का पूर्वानुमान लगा सकते हैं, तेल एवं गैसों का पता कर सकते हैं, क्वांटम मैकेनिक्स, मॉलिक्यूलर मॉडलिंग, भौतिक सिमुलेशन, एयरोडायनेमिक्स, परमाणु संलयन अनुसंधान, क्रिप्टोएनलिसिस जैसे गन एवं भारी गणना वाले कार्य एवं इंजीनियरिंग कार्यों को बहुत कम समय में बहुत तेजी से कर पाते हैं।
PARAM Supercomputer Series
नाम | रिलीज़ वर्ष | नोड्स | Rmax | Rpeak | Location |
परम 8000 | 1991 | Inmos T800 Transputers, Distributed Memory MIMD, 64 processors | 1GFLOPS | विभिन्न जगहों पर बना | |
परम 8600 | 1992 | Intel i860, 256 processors | 5 GFLOPS | विभिन्न जगहों पर बना | |
परम 9900 | 1994 | Clos Network. SuperSPARC II, UltraSPARC and DEC Alpha variants, 32 to 200 processors | विभिन्न जगहों पर बना | ||
परम 10000 | 1998 | Sun Enterprise 250, 400Mhz UltraSPARC UltraSPARC II processor, 160 processors | 6.4 GFLOPS | ||
परम पद्म | 2002 | 1TB storage, 248 IBM Power4 – 1 GHz, IBM AIX 5.1L, PARAMNet. PARAM Padma was the first Indian machine ranked on a worldwide supercomputer list. | 1024 GFLOPS | ||
परम युवा | 2008 | 4608 cores, Intel 73XX – 2.9 GHz, 25 to 200 TB, PARAMnet 3. | 38.1 TFLOPS | 54 TFLOPS | |
परम युवा 2 | 2013 | Created in three months at a cost of ₹160 million (US$2 million) – first Indian supercomputer to achieve more than 500 teraflops. | 360.8 TFLOPS | 524 TFLOPS | |
परम कंचनजंगा | 2016 | 15 TFLOPS | |||
परम Bio-Embryo | 100 TFLOPS | सी-डैक पुणे | |||
परम Bio-Inferno | 147.5 TFLOPS | सी-डैक पुणे | |||
परम श्रेष्ठ | 100 TFLOPS | सी-डैक पुणे | |||
परम रूद्र | based on Intel Xeon 2nd Generation Cascade Lake dual socket Processors | 138 TFLOPS | सी-डैक पुणे | ||
परम नील | India’s first HPC system that uses the Fujitsu A64fx- NSP1 CPU, an ARM processor with 48 cores and a speed of 1.8 GHz | 100 TFLOPS | सी-डैक पुणे | ||
परम शिवाय | 2019 | 192 CPU compute nodes, 20 High memory nodes, 11 GPU compute nodes, Cost Rs 32.5 crore | 0.43 PFLOPS | 0.84 PFLOPS | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी |
परम Brahma | 2019 | 1PB storage | 0.85 PFLOPS | 1.7 PFLOPS | IISER Pune |
परम सिद्धि-AI | 2020 | Nvidia DGX SuperPOD based networking architecture, HPC-AI engine software frame works and cloud platform from C-DAC | 4.6 PFLOPS | 5.267 PFLOPS | सी-डैक पुणे |
परम संगनक | 2020 | 1.67 PFLOPS | आई आई टी, कानपूर | ||
परम युक्ति | 1.8 PFLOPS | JNCASR, बेंगलुरु | |||
परम उत्कर्ष | 2021 | Based on Intel Cascade Lake processor and NVIDIA Tesla V100 GPU with 100Gbps infiniband non-blocking interconnect | 838 TFLOPS | सी-डैक बेंगलुरु | |
परम स्मृति | 2021 | 838 TFLOPS | NAIB Mohali | ||
परम सेवा | 2021 | based on heterogeneous and hybrid configuration of Intel Xeon Cascade lake processors, and NVIDIA Tesla V100. | 838 TFLOPS | आईआईटी हैदराबाद | |
परम स्फूर्ति | 2021 | 100 TFLOPS | SETS, चेन्नई | ||
परम प्रवेग | 2022 | It runs on CentOS 7.x, has 4 petabytes of storage, 3.3 PFLOPS | 3.3 PFLOPS | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु | |
परम गङ्गा | 2022 | 1.67 PFLOPS | आईआईटी रूड़की | ||
परम शक्ति | 2022 | 850 TFLOPS | 1.66 PFLOPS | आईआईटी खड़गपुर | |
परम अनंत | 2022 | 838 TFLOPS | IIT गाँधी नगर | ||
परम हिमालय | 2022 | 838 TFLOPS | आईआईटी, मंडी | ||
परम कामरूप | 2022 | 107 CPU nodes, 10 GPU nodes, 9 high memory nodes, 740 CPU cores, 102400 CUDA cores. It runs on low and high microwave power with active and passive high energy source. | 838 TFLOPS | 1.5 PFLOPS | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी |
परम पोरुल | 2022 | 107 CPU nodes, 10 GPU nodes, 39 high memory nodes, 102400 CUDA cores. | 838 TFLOPS | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली |
FAQ – PARAM 8000 से जुड़ी सभी जानकारी
भारत का पहला सुपरकंप्यूटर कौन सा है?
परम 8000
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया?
परम 8000 को C-DAC नें 1990 में बनाया था
भारत में सुपर कम्प्यूटर परम का निर्माण कहाँ किया गया?
परम सुपर कंप्यूटर को पुणे स्थित C-DAC प्रगत संगणन विकास केन्द्र में बनाया गया था।
C-DAC का फुल फॉर्म क्या है?
C-DAC का फुल फॉर्म Centre for Development of Advanced Computing है, इसे हिंदी में (प्रगत संगणन विकास केन्द्र) कहते हैं।
एशिया का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?
चीन का यिनहे 1 एशिया का पहला सुपर कंप्यूटर है जिसे चीन नें 1983 में बनाया था, जिसकी स्पीड 100 MFLOPS थी।
सुपर कंप्यूटर भारत में कब आया था?
भारत में पहला सुपर कंप्यूटर PARAM 8000, 1990 में आया था, जिसे भारत नें स्वयं ही बनाया था।
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