6G क्या है, फायदे एवं जरुरत

By Yogi Deep

6G: वर्तमान में लगभग लगभग सभी विकसित देशों में 5G की सर्विस शुरू हो चुकी है। ऐसे में हर विकसित देश यही चाहता है कि वह अपने देश में सबसे पहले 6G की सर्विस शुरू करें। 6G, यानी “सिक्स्थ जेनरेशन” मोबाइल नेटवर्क, हमारी जिंदगी को और भी स्मार्ट, फास्ट और कनेक्टेड बनाने वाला है। आईए जानते हैं 6G क्या है? 6G टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी? 6G टेक्नोलॉजी की स्पीड कितनी होगी? और हमें 6G टेक्नोलॉजी में क्या-क्या नया देखने को मिलेगा? 

6G क्या है

6G, एक 6th Generation फ्यूचर वॉयरलैस मोबाइल नेटवर्क सर्विस है, जिसमें आपको लगभग 1Tbps (1024 Gbps) तक की हाई स्पीड इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। यह 5G का ही एडवांस वर्जन है, जिसकी स्पीड 5G से लगभग 100 गुना तेज और लेटेंसी 5G से भी कम होगी। यह 5G से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसकी सहायता से हम डिजिटल एवं फिजिकल दुनिया को एक साथ जोड़ सकेंगे। अर्थात हम वर्चुअल रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का असली अनुभव कर पाएंगे। वर्तमान में यह विकास के शुरुआती चरण में है और ऐसा माना जा रहा है कि इसकी कमर्शियल लॉन्चिंग 2030 के आसपास हो सकती है।

6G कैसे काम करेगा?

6G नेटवर्क के लिए हाई फ्रीक्वेंसी बैंड्स (100 GHz से ऊपर) का उपयोग होगा। ये फ्रीक्वेंसी बेहतर डेटा स्पीड और कवरेज प्रदान करेंगी। साथ ही, 6G में AI और मशीन लर्निंग को बेस टेक्नोलॉजी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे नेटवर्क खुद को ऑप्टिमाइज़ कर सके। इसकी लेटेन्सी 5G से बहुत कम होगी एवं हम एक साथ एक ही नेटवर्क से बहुत सारे डिवाइस को जोड़ सकेंगे।

6G और 5G में अंतर

फीचर5G6G
स्पीड1 Gbps – 10 Gbps1 Tbps तक
फ्रीक्वेंसी बैंड3.5 GHz – 28 GHz100 GHz – 1 THz
लेटेंसी1 मिलीसेकंडमाइक्रोसेकंड
कनेक्टेड डिवाइसकरोड़ों डिवाइसअरबों डिवाइस

6G की खासियतें

6G Technology
6G Technology

1. अत्यधिक तेज़ स्पीड

6G की स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड (Tbps) तक हो सकती है। यह इतनी तेज होगी कि आप कुछ सेकंड में 4K मूवी डाउनलोड कर सकेंगे।

2. बेहतरीन कनेक्टिविटी

6G नेटवर्क 1000 किलोमीटर/घंटा की गति पर भी स्थिर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यानी हाई-स्पीड ट्रेन और एयरक्राफ्ट में भी शानदार नेटवर्क।

3. डिजिटल ट्विन तकनीक

6G में हर फिजिकल चीज़, जैसे कि बिल्डिंग, सड़क, और खेत का डिजिटल रूप होगा। इसे “डिजिटल ट्विन” कहते हैं। इससे मशीनों और सिस्टम्स को बेहतर तरीके से मॉनिटर और ऑपरेट किया जा सकेगा।

4. इंटरनेट ऑफ सेंस

6G में आपके पांचों इंद्रियों (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श आदि) को डिजिटल अनुभव से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि आप वर्चुअल रूप से महसूस भी कर सकेंगे।

6G से होने वाले फायदे

  • स्मार्ट सिटी: हर चीज़, जैसे ट्रैफिक लाइट, बिजली, और पानी के सिस्टम, को कनेक्ट करके बेहतर बनाया जा सकेगा।
  • मेडिकल इनोवेशन: रोबोटिक सर्जरी और दूर-दराज वाले इलाकों में मेडिकल सुविधाएँ पहुँचाना।
  • एजुकेशन और वर्क: वर्चुअल रियलिटी की मदद से रिमोट वर्क और पढ़ाई आसान होगी।
  • पर्यावरण सुरक्षा: एनर्जी-इफिशियंट सिस्टम्स से पर्यावरण पर प्रभाव कम होगा।

6G के सामने चुनौतियां

  • नई तकनीकों की जरूरत: 6G को सपोर्ट करने वाले रेडियोफ्रीक्वेंसी और सेमीकंडक्टर अभी तक तैयार नहीं हैं और ना ही ऐसे डिवाइस है जिन पर इन्हें टेस्ट किया जा सके। ऐसे में नोकिया, एरिकसन और सैमसंग जैसी कंपनियां अपने-अपने रिसर्च और डेवलपमेंट में लगी हुई है।
  • ऊर्जा खपत: 6G में डेटा ट्रांसफर की क्षमता बढ़ने से पावर की खपत भी बढ़ेगी। इसलिए हमें और सस्ते एवं रिन्यूएबल पावर सोर्स की आवश्यकता पड़ेगी।
  • स्पेक्ट्रम की कमी: 6G को फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की बड़ी जरूरत होगी, जो हर देश में उपलब्ध नहीं है। 

2G से लेकर 6G तक का विकास

Feature2G (1992)3G (2000)4G (2010)5G (2020)5G Advanced (2025)6G (2030)
Key FeaturesVoice, SMSBroadband DataMTC, VideoIndustrial IoT, Interactive VideomMTC+, URLLC+, eMBB+Connecting Worlds, AI, Holographic Video
Broadband Data Rate1-10 Mbps10 Mbps – 1 Gbps100 Mbps – 20 Gbps1 Gbps – 1 Tbps
SpectrumFDD+ 2.3 GHz TDD+100 MHz+2.5 GHz TDD++3.5 – 7 GHz mmW+THz (Sub THz)7 – 24 GHz, Sub THz, >50 GHz
Network DensificationNominalNominal+ Device+ Device+ DeviceExtreme Multi-Platform Density
User Plane Latency50 ms50 ms4 ms (eMBB), 1 ms (URLLC)4 ms (eMBB), 1 ms (URLLC)1 ms25 μs – 1 ms
Mobility350 KMPH350 KMPH500 KMPH500 KMPH1000 KMPH
Killer Use CasesVoice, SMS, VASMobile WebMobile Video/TV, Social MediaSmart City, Factory, XR, UHD VideoTelemedicine, WearablesInternet of Bio-Nano Things, AI Systems

भारत में 6G

दुसरे देशों की तरह भारत सरकार भी 6G टेक्नोलॉजी में सबसे आगे निकलने को पूरी तरह से तैयार हो रही है। इसके लिए भारत सरकार ने “भारत 6G अलायन्स” की शुरुआत 2021 में कर चुकी है। इसके अलावा भारत सरकार यूरोप के 6G IA एवं फ़िनलैंड के Oulu University के 6G Flagship के साथ पार्टनरशिप में नए-नए रिसर्च एवं इनोवेशन का कार्य कर रही है।

‘आत्मनिर्भर भारत‘ के लक्ष्य के तहत 1 नवंबर 2021 को ‘टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप 6G’ (TIG-6G) का गठन किया गया था। भारत का 6G विजन सस्ता, टिकाऊ और यूनिवर्सल कनेक्टिविटी प्रदान करना है। जिसके लिए भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत पूरे विश्व को 6G की सेवाएं एवं एडवांस्ड टेलीकॉम सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्यरत है। 

भारत 6G मिशन:

मिशन को दो चरणों में पूरा किया जाएगा:

  • चरण 1 (2023-2025): इस प्रथम चरण में भारत सरकार अपने रिसर्च, डेवलपमेंट और टेस्टिंग को पूरा करेगी। जिससे जल्द से जल्द 6G टेक्नोलॉजी को भारत में लॉन्च किया जा सके। 
  • चरण 2 (2025-2030): अपने दूसरे चरण में भारत सरकार 6G टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से विकसित करने के बाद धीरे-धीरे रोल आउट कर पूरे देश में लागू करेगी। इसके लिए पुरानी टेलीकॉम कंपनियां एवं नए स्टार्टअप्स को भी मौका मिलेगा। इसके साथ ही सरकार 6G मिशन के तहत ऐसे स्टार्टअप्स और रिसर्च कर रही संस्थाओं को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी।

इस पोस्ट में मैंने आपको कम से कम समय में बहुत ही आसान भाषा में 6G टेक्नोलॉजी के बारे में बताने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख आसानी से समझ में आ गया होगा। अपना अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद

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