Majorana 1: आज टेक्नोलॉजी की दुनिया इतनी तेजी से बढ़ रही है कि यदि कोई आपसे कह दे की कुछ दिनों धरती के सभी सुपर कंप्यूटर्स जितनी पावरफुल डिवाइस आपके हाथों की हथेलियां में आ सकती है, तो हो सकता है इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी। Microsoft नें ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। जी हां हम बात करें माइक्रोसॉफ्ट के हाल ही में लॉन्च Majorana 1 प्रोजेक्ट के बारे में, माइक्रोसॉफ्ट का यह प्रोजेक्ट क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि यह चिप इतनी शक्तिशाली है कि इसे 10 लाख क्यूबिट्स तक स्केल किया जा सकता है, और यह इतनी छोटी है कि आपकी हथेली में समा सकती है। तो आइये एकदम आसन भाषा में समझते हैं कि Majorana 1 क्या है, यह कैसे काम करता है, और यह हमारे जीवन को कैसे बदल सकता है।
Majorana 1 क्या है
Majorana 1 (मायोराना 1) माइक्रोसॉफ्ट का पहला क्वांटम प्रोसेसर चिप है, जो टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर (Topological Superconductor) तकनीक पर आधारित है। पारंपरिक क्वांटम चिप्स डाटा प्रोसेसिंग के लिए इलेक्ट्रॉनों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन Majorana 1 टोपोकंडक्टर्स (Topoconductors) और एटम्स का इस्तेमाल करता है। यह चिप Majorana Fermions नामक विशेष पार्टिकल्स पर काम करती है, जिन्हें पिछले साल पहली बार देखा गया था। यह एक नए प्रकार का सेमी कंडक्टर है जो सुपर कंडक्टर के रूप में भी काम करता है।

इन कणों को 80 साल पहले इटली के भौतिक विज्ञानी एटोर मायोराना ने सिद्धांत के रूप में प्रस्तावित किया था। Majorana Fermions अपने ही एंटी-पार्टिकल्स होते हैं और सुपरकंडक्टर्स व मैग्नेटिक फील्ड्स की मदद से खास परिस्थितियों में बनाए गए हैं। यह तकनीक Majorana 1 को बाकी क्वांटम चिप्स से अलग और बेहतर बनाती है।
‘Majorana 1’ चिप, मायोराना जीरो मोड्स (MZMs) का उपयोग करती है, जो क्वांटम जानकारी को स्टोर और प्रोसेस करने में मदद करते हैं। ये कण अपने स्वयं के एंटीपार्टिकल्स होने के कारण, क्वांटम जानकारी को बिना किसी त्रुटी के सुरक्षित रखते हैं, जिससे चिप अधिक स्थिर और त्रुटि-प्रतिरोधी बनती है।
Majorana 1 कैसे काम करता है
जहाँ सेमीकंडक्टर सिलिकॉन से बने होते हैं वहीँ यह टोपोकंडक्टर इन्डियम आर्सेनाइड से बना है। इस चिप में प्रत्येक एटम को उनके कार्य अनुसार रखा गया है। यह पदार्थ की एक पूरी तरह से नई अवस्था है, क्योंकि इससे पहले किसी ने भी मायोराना पार्टिकल्स को नहीं देखा था। एक सामान्य चिप में गणना इलेक्ट्रोंस का उपयोग करके किया जाता है, लेकिन यहां गणना के लिए मायोराना पार्टिकल्स का उपयोग किया जाता है। यह एक हाफ इलेक्ट्रॉन है और पूरी तरह से एक नया पार्टिकल है।
टोपोकंडक्टर्स: पदार्थ की नई अवस्था
टोपोकंडक्टर्स एक नए प्रकार का मटेरियल हैं, जो न तो ठोस, न द्रव, और न ही गैस हैं। यह एक टोपोलॉजिकल स्टेट (Topological State) है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग को स्थिर और एरर-फ्री बनाता है। आमतौर Google, IBM, ATOM व अन्य क्वांटम प्रोसेसर्स को काम करने के लिए उनके प्रोसेसर द्वारा दिए गए आउटपुट के ढेर सारे एरर्स को आउटपुट के समय ही सही करना पड़ता है, लेकिन Majorana 1 का टोपोलॉजिकल क्यूबिट हार्डवेयर लेवल पर ही एरर-रेजिस्टेंट है। इस कारण इसे अतिरिक्त सुधार की जरूरत कम हो जाती है, जिससे यह चिप तेज प्रोसेसिंग और आसान स्केलेबिलिटी दे सकता है।

Majorana 1 की क्षमता और खासियतें
Majorana 1 अभी एक 8 क्यूबिट चिप है। यह Google के 105 क्यूबिट चिप या IBM के 156 क्यूबिट चिप की तुलना में छोटा लग सकता है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि इसे 10 लाख क्यूबिट्स तक बढ़ाया जा सकता है। इसका मतलब है कि भविष्य में यह चिप बहुत जटिल और बड़े प्रॉब्लम्स को हल करने में सक्षम होगी।
इस चिप की सबसे बड़ी खासियत है इसका लो एरर रेट और हाई स्टेबिलिटी। जहाँ अन्य क्वांटम चिप्स में एरर्स आम हैं, वहीं Majorana 1 लगभग एरर्स-फ्री है। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि 10 लाख क्यूबिट्स वाला क्वांटम कंप्यूटर दुनिया के सभी मौजूदा कंप्यूटरों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली होगा।
क्वांटम कंप्यूटर vs सुपर कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर अपनी तेज गति के लिए उन्नत आर्किटेक्चर, मल्टी कोर प्रोसेसिंग और GPU (ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट) पर निर्भर करते हैं। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स और क्वांटम गेट्स (जैसे H-Gate और Pauli Gate) का इस्तेमाल करते हैं, जो खास तौर पर क्वांटम प्रोसेसिंग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। ये गेट्स ऐसे सर्किट और एल्गोरिदम बनाते हैं, जो उन समस्याओं को हल कर सकते हैं जो सुपर कंप्यूटर के लिए असंभव हैं।
हमारे जीवन पर Majorana 1 का प्रभाव
क्वांटम कंप्यूटिंग का असर हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी पर गहरा हो सकता है। यहाँ कुछ उदाहरण हैं:
- मेडिसिन और ड्रग डिस्कवरी: क्वांटम कंप्यूटर मॉलिक्यूल्स और केमिकल रिएक्शंस को सिमुलेट कर सकता है, जिससे नई दवाइयाँ बनाना आसान हो जाएगा।
- जलवायु परिवर्तन: यह बेहतर सोलर पैनल्स, बैटरी, और कार्बन कैप्चर तकनीक विकसित करने में मदद कर सकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): क्वांटम कंप्यूटिंग AI को और सटीक व कुशल बना सकता है, जैसे प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करना या ट्रैफिक सिस्टम को ऑप्टिमाइज़ करना।
Majorana 1 माइक्रोसॉफ्ट का एक ऐसा प्रोजेक्ट (Project) है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में क्रांति ला सकता है। यह चिप न सिर्फ तेज और शक्तिशाली है, बल्कि स्थिर और त्रुटि-मुक्त भी है। इसके जरिए हम उन समस्याओं को हल कर सकते हैं, जो आज के कंप्यूटरों के लिए असंभव हैं। माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम भविष्य की तकनीक को नई दिशा दे रहा है, और आने वाले समय में यह हमारे जीवन को और बेहतर बना सकता है।
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगले लेख में हम फिर किसी रोचक टॉपिक के साथ हाज़िर होंगे। तब तक के लिए, नमस्कार!