SpaceX ने हाल ही में अपने सेल्यूलर स्टरलिंक सिस्टम के बारे में FCC को बताया है कि उनके इस टेक्नोलॉजी से लोग अब बिना नेटवर्क के भी सीधे अंतरिक्ष से कॉल मैसेज एवं डाटा ट्रांसफर कर पाएंगे। यह सिस्टम फिलहाल आईफोन, गूगल पिक्सल और सैमसंग के गैलेक्सी डिवाइस पर काम करता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्पेसएक्स ने इस बड़ी सफलता के बारे में (Federal Communications Commission) FCC को गुरुवार को एक ऑफिशल लेटर के माध्यम से अपने सफल परीक्षण के बारे में बताया।
SpaceX की “डायरेक्ट टू सेल” टेक्नोलॉजी
अपने लेटर में स्पेसएक्स नें अपने “डायरेक्ट टू सेल” स्टारलिंक टेक्नोलॉजी के परीक्षण में हुई प्रगति का विवरण दिया गया है, जहां कंपनी ने यह बताया है कि धरती पर स्थित स्मार्टफोंस तक सैटेलाइट इंटरनेट डाटा पहुंचने के लिए वे आर्बिटिंग सैटेलाइट का प्रयोग कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही कंपनी ने अपने कुछ सफल परीक्षणों को ट्विटर के माध्यम से शेयर भी किया था, जिसके माध्यम से यह पता चला कि उन्होंने 17Mbps की डाउनलोड स्पीड हासिल कर ली है। एफसीसी को दिए गए लेटर के अनुसार यह पता चला कि स्पेसएक्स के कर्मचारी रेडमंड, वाशिंगटन; माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया; और कैनसस सिटी में SpaceX की टेक्नोलॉजी की क्षमताओं का परीक्षण कर रहे हैं।
T-Mobile के PCS G Block Spectrum का होगा उपयोग
आगे कंपनी ने यह भी बताया है कि उनके सेटेलाइट्स सैमसंग, एप्पल और गूगल के कुछ चुनिंदा स्मार्टफोंस में T-Mobile के PCS G Block spectrum का उपयोग करके संचार करने में सक्षम है। इसके माध्यम से लोग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में, पहाड़ी इलाकों पर, घर के अंदर और बाहर और साफ आसमान या पेड़ों के नीचे भी कॉल मैसेज और डाटा का आदान-प्रदान कर पाएंगे।
T-MOBILE (USA) व् अन्य देशों में OPTUS (AUSTRALIA), ROGERS (CANADA), ONE NZ (NEW ZEALAND), KDDI (JAPAN), SALT (SWITZERLAND), ENTEL (CHILE) एवं ENTEL (PERU) में ये निम्न टेलिकॉम कंपनियां स्थित हैं।
सेलुलर स्टारलिंक सिस्टम आईफोन, पिक्सेल, गैलेक्सी डिवाइस पर काम करता है
स्पेसएक्स ने कई स्मार्टफोंस पर अपने सैटलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम को टेस्ट किया, जहां सैमसंग के गैलेक्सी डिवाइसेज, आईफोन के नए मॉडल और गूगल के पिक्सल फोन का प्रदर्शन सबसे बढ़िया रहा, इस टेस्टिंग के दौरान इन स्मार्टफोंस में किसी भी प्रकार की कोई नेटवर्क समस्या देखने को नहीं मिली।
घर के अंदर तक इंटरनेट डाटा हो सकेगा ट्रांसमिट
लेकिन SpaceX यह दावा भी कर रही है कि वे अपने सेल्यूलर स्टारलिंक टेक्नोलॉजी के माध्यम से घर के अंदर तक इंटरनेट डाटा भेज सकती है। परंतु सीधे अंतरिक्ष से इंटरनेट किसी टेक्नालॉजी के माध्यम से घर के अंदर पहुंचेगा इसके बारे में इसके बारे कोई भी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन उन्होंने यह कहा है कि स्पेसएक्स सेल्यूलर सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एफसीसी के गाइडलाइंस के अंदर ही कार्य कर रहा है। वे FCC द्वारा अधिकृत मैक्सिमम ऑथराइज्ड पावर फ्लक्स डेंसिटी अथवा अधिकतम ट्रांसमिट करने की क्षमता के अंदर ही कार्य कर रहे हैं।
जहां डायरेक्ट टू सेल सेवा बाहरी प्रयोग के लिए डिजाइन की गई है, लेकिन कंपनी का कहना है कि उनकी टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्मार्टफोन डिवाइस के माध्यम से पेड़ों के बीच, घर के अंदर एवं 25 डिग्री के ऊंचाई तक सेटेलाइट के साथ कम्युनिकेशन करना संभव है।
सीधे साफ स्पष्ट शब्दों में समझे तो आप SpaceX के स्टरलिंक सैटेलाइट के माध्यम से अब बिना किसी नेटवर्क टावर पर आश्रित हुए सीधे-सीधे अंतरिक्ष से कॉल, मैसेज एवं डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।
भारत में कब आएगी “डायरेक्ट टू सेल” टेक्नोलॉजी
डायरेक्ट टू सेल सर्विस स्टारलिंक द्वारा शुरू की गई है, परंतु वर्तमान समय में भारत में स्टरलिंक की सेवाएं अभी फिलहाल शुरू नहीं हुई है। परंतु भारतीय सर्विस प्रोवाइडर जिओ ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जिओ स्पेस फाइबर की सेवाओं को शुरू कर दिया है। परंतु जिओ स्पेस फाइबर के माध्यम से अभी हम सैटेलाइट कॉलिंग या मैसेजिंग नहीं कर सकते हैं, परंतु हो सकता है भविष्य में जिओ इस पर कम करें।