सुपर कंप्यूटर क्या है, इतिहास एवं विशेषताएं

By Team Creator Click

Supercomputer: सुपर कंप्यूटर को ऐसे कामों को करने के लिए बनाया गया था जिसे आम मनुष्य नहीं कर सकते हैं। सबसे पहला सुपर कंप्यूटर लगभग 100 मनुष्यों जितनी गणनाएँ कुछ ही सेकंड्स में कर सकता था। आसन शब्दों में पहले Supercomputer के पास 100 मनुष्यों जितना दिमाग था, जिससे वह कोई भी गणना मात्र कुछ सेकंड्स में कर सकता था। लेकिन आज के आधुनिक Supercomputers करोड़ों मनुष्यों का कार्य कुछ ही सेकंड्स में कर सकते हैं। इनमें स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI और भी तेज है जो महीनों का कार्य कुछ ही सेकंड्स में कर सकता है। आइए समझते हैं कि सुपरकंप्यूटर क्या है? कैसे काम करता है? इसका इतिहास एवं विशेषताएं:

सुपर कंप्यूटर क्या है?

सुपर कंप्यूटर (Supercomputer) अथवा महासंगणक एक ऐसा कंप्यूटर होता है जो सामान्य कंप्यूटरों की तुलना में बहुत अधिक डेटा को बहुत तेजी से प्रोसेस कर सकता है। इन कंप्यूटरों का उपयोग बड़े पैमाने पर गणना और जटिल समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है, जो सामान्य कंप्यूटर के बस की बात नहीं होती। सुपर कंप्यूटर हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटरों की श्रेणी में आते हैं और इन्हें साइंस, इंजीनियरिंग, मौसम पूर्वानुमान, रिसर्च और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।

सेमोर क्रे (Seymour Cray) द्वारा बनाया गया विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर
सेमोर क्रे (Seymour Cray) द्वारा बनाया गया विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर

सुपर कंप्यूटर को उनकी फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड (FLOPS) के आधार पर परिभाषित किया जाता है। यह माप बताती है कि सुपर कंप्यूटर कितनी तेज़ी से गणनाएँ कर सकता है। आजकल के Supercomputers पेटाफ्लॉप्स (Petaflops) और एक्साफ्लॉप्स (Exaflops) की गति तक पहुँच चुके हैं, जो प्रति सेकंड क्विंटलियनों गणनाएँ करने में सक्षम हैं।

सुपर कंप्यूटर कैसे काम करता है?

सुपर कंप्यूटर हजारों प्रोसेसरों का उपयोग करता है जो समानांतर में काम करते हैं। इसका मतलब है कि यह एक ही समय में कई गणनाएँ कर सकता है। ये कंप्यूटर कई प्रोसेसिंग यूनिट्स का उपयोग करके डेटा को छोटे हिस्सों में विभाजित कर, एक साथ हल करते हैं। इस प्रक्रिया को समानांतर प्रसंस्करण (Parallel Processing) कहा जाता है।

सुपर कंप्यूटर और सामान्य कंप्यूटर में अंतर

सुपर कंप्यूटर और सामान्य कंप्यूटर (जैसे कि लैपटॉप या डेस्कटॉप) में मुख्य अंतर उनकी प्रोसेसिंग क्षमता में होता है। सामान्य कंप्यूटर केवल जहाँ कुछ हजार FLOPS की गति से काम कर सकते हैं, वहीं सुपर कंप्यूटर पेटाफ्लॉप्स या एक्साफ्लॉप्स की गति से काम कर सकते हैं। अर्थात नार्मल कंप्यूटर्स की तुलना में करोड़ों गुना तेज होते हैं यानि एक सुपर कंप्यूटर करोड़ों नार्मल कंप्यूटर के बराबर होता है। Supercomputers बहुत महंगे होते हैं और बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं, जबकि सामान्य कंप्यूटर सस्ते होते हैं और इनको चलाने के लिए कम पॉवर की आवश्यकता होती है।

सुपर कंप्यूटर का इतिहास

सुपर कंप्यूटर का इतिहास 1960 के दशक से शुरू होता है जब अमेरिका में सेमोर क्रे (Seymour Cray) द्वारा पहला सुपर कंप्यूटर बनाया गया था। इसका नाम क्रे-1 (Cray-1) था। इसके बाद से Supercomputers में लगातार सुधार होता रहा है, जिस कारण आज हम बहुत एडवांस और तेज सुपर कंप्यूटरों का उपयोग कर रहे हैं।

सुपर कंप्यूटर का इतिहास
सुपर कंप्यूटर का इतिहास

हम सभी को लगता है कि सुपर कंप्यूटरों का निर्माण 1960 के दशक में शुरू हुआ था लेकिन ऐसा नहीं है, सुपर कंप्यूटिंग शब्द का पहली बार प्रयोग न्यूयॉर्क वर्ल्ड मैगजीन में वर्ष 1929 में किया गया था यहीं से इसकी उत्पत्ति हुई। सुपर कंप्यूटर को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया, बल्कि इसके लिए कई वैज्ञानिकों ने मिलकर कार्य किए हैं।

शुरुआती 1950 और 1960 तक का दशक: इस दशक में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के एक समूह ने मिलकर कंट्रोल डेटा कॉर्पोरेशन (सीडीसी) का गठन किया। जहां Seymour Cray और उनकी टीम ने मिलकर सबसे पहला सफल ट्रांजिस्टर आधारित CDC 1604 कंप्यूटर बनाया। वही U.K की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के इंजीनियर और वैज्ञानिकों ने मिलकर सन 1956 में MUSE कंप्यूटर बनाने में सफलता प्राप्त की।

क्रे युग – सन 1970 से 1980 तक के मध्य का समय: इन दशकों में क्रे 1, क्रे 2 एवं क्रे 3 जैसे पावरफुल सुपर कंप्यूटर्स का निर्माण किया गया। इन सभी सुपर कंप्यूटर्स को सीमोर रोजर क्रे के निर्देशन में बनाया गया, जो एक अमेरिकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और सुपर कंप्यूटर आर्किटेक्ट थे।

सन 1990 से वर्तमान 21वीं सदी: ऐसा माना जाता है कि सन 1990 के दशक में नए और पावरफुल सुपरकंप्यूटर बनने शुरू हुए। जिनकी स्पीड teraOPS अथवा TFLOPS तक की थी। 90 के दशक के इन सुपरकंप्यूटर में Fujitsu Numerical Wind Tunnel, Intel Paragon XP/S 140, Hitachi CP-PACS/2048 और Intel ASCI Red/9632 जैसे पावरफुल सुपर कंप्यूटर शामिल थे।

वर्तमान २१वीं सदी में सुपर कंप्यूटर्स की गति Petascale तक पहुँच चुकी है। जहाँ दुनियां के कई देश अपने-अपने हाई स्पीड Supercomputers कंप्यूटर्स को बनाने में जुटे हुए हैं। जहाँ अमेरिका का Frontier, जापान का Fugaku, चीन का Sunway TaihuLight जैसे सुपर कंप्यूटर्स मौजूद हैं। जिनकी स्पीड Petaflops से लेकर Exaflops पहुँच चुकी है।

सुपर कंप्यूटर के प्रमुख उपयोग

सुपर कंप्यूटर का उपयोग आमतौर पर जटिल और बड़े पैमाने पर गणनाओं को कम समय में हल करने के लिए किया जाता है। इनके प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:

  • मौसम विज्ञान और जलवायु मॉडलिंग: सुपर कंप्यूटर का उपयोग मौसम के पूर्वानुमान लगाने और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन और शोध के लिए किया जाता है।
  • वैज्ञानिक रिसर्च: इनका उपयोग डीएनए सिक्वेंसिंग, ब्रह्मांडीय शोध, और पार्टिकल फिजिक्स जैसे वैज्ञानिक रिसर्चों में किया जाता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): AI और मशीन लर्निंग में डेटा प्रोसेसिंग के लिए सुपर कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी सहायता से ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इतनी तेजी से विकसित हो रहा है।
  • सुरक्षा और रक्षा: विभिन्न देशों की सेनाएँ सुपर कंप्यूटरों का उपयोग रक्षा अनुसंधान और साइबर सुरक्षा में करती हैं। इसके आलावा नित्य नई तकनीकों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है।

सुपर कंप्यूटर के प्रकार

वैसे इन कंप्यूटरों के विभिन्न प्रकार होते हैं लेकिन सुपर कंप्यूटर को उनकी आर्किटेक्चर और उपयोग के आधार पर 2 भागों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. सामान्य उद्देशीय सुपर कंप्यूटर (General Purpose Supercomputers): ये सुपर कंप्यूटर हर प्रकार की गणनाओं के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि वैज्ञानिक रिसर्च, मेडिकल रिसर्च, और इंजीनियरिंग रिसर्च इत्यादि।
  2. विशेष उद्देशीय सुपर कंप्यूटर (Special Purpose Supercomputers): ये सुपर कंप्यूटर विशेष कार्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि मौसम का पूर्वानुमान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्रह्मांडीय अध्ययन और परमाणु अनुसंधान इत्यादि।

विश्व के प्रमुख सुपर कंप्यूटर

Latest Generation Supercomputers
Latest Generation Supercomputers

आज के समय में विभिन्न देशों में अत्यधिक शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर स्थापित किए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख सुपर कंप्यूटर निम्नलिखित हैं:

  • Frontier (अमेरिका): फ्रंटियर वर्तमान में विश्व का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है, जिसे Oak Ridge National Laboratory द्वारा 2022 में बनाया गया था। यह लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। इसकी क्षमता 1102 पेटाफ्लॉप्स है।
  • Fugaku (जापान): दुनिया का दूसरा सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है, जिसे 2020 में टॉप500 सूची में सबसे ऊपर रखा गया। इसकी क्षमता 442 पेटाफ्लॉप्स है। इसका उपयोग चिकित्सा अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, और AI शोध में किया जाता है।
  • LUMI (फ़िनलैंड): यह सुपर कंप्यूटर फ़िनलैंड में स्थित है और यह 309 पेटाफ्लॉप्स की गति से काम करता है। इसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में किया जाता है।
  • AIRAWAT (भारत): पुणे में स्थापित एआई सुपरकंप्यूटर ‘ऐरावत’ को  दुनिया में 75 वां स्थान मिला है। इस सुपर कंप्यूटर को सी-डैक द्वारा बनाया गया है। इसकी क्षमता 200 AI Petaflops तक की है।
  • Param Siddhi-AI (भारत): भारत में स्थित यह सुपर कंप्यूटर AI और डेटा एनालिटिक्स के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमता 6.5 पेटाफ्लॉप्स है, और यह भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है।

भारत में सुपर कंप्यूटर

भारत में सुपर कंप्यूटर का इतिहास 1990 के दशक में शुरू हुआ जब भारत ने अपना पहला सुपर कंप्यूटर PARAM विकसित किया। इसके बाद से भारत में कई सुपर कंप्यूटर विकसित किए गए हैं। भारत के कुछ प्रमुख सुपर कंप्यूटर निम्नलिखित हैं:

  1. AIRAWAT: यह भारत का नवीनतम सुपर कंप्यूटर है, जिसका उपयोग AI अनुसंधान के लिए किया जाता है। यह अत्यधिक क्षमता वाला कंप्यूटर है जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है।
  2. Param Yuva-II: यह भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान और मौसम पूर्वानुमान के लिए उपयोग में आने वाला सुपर कंप्यूटर है। इसकी क्षमता 500 टेराफ्लॉप्स है।

विश्व का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर 2024

वर्तमान समय 2024 में Frontier दुनिया का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर है। यह अमेरिका में स्थित है और इसे Hewlett Packard Enterprise Company (HPE) द्वारा विकसित किया गया है। Frontier की क्षमता 1102 पेटाफ्लॉप्स है और इसका उपयोग स्वास्थ्य अनुसंधान, AI, और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए किया जा रहा है।

सुपर कंप्यूटर का भविष्य

आने वाले समय में सुपर कंप्यूटर और भी तेज़ और शक्तिशाली होने वाले हैं। वैज्ञानिक और इंजीनियर अब एक्सास्केल सुपर कंप्यूटर (Exascale Supercomputers) पर काम कर रहे हैं, जो प्रति सेकंड एक एक्साफ्लॉप्स (एक अरब अरब गणनाएँ) की गति से काम करेंगे। यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


आने वाले समय में सुपर कंप्यूटर हमारे भविष्य को पूरी तरह से बदलने वाला है। वर्तमान में यह हमारे दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं। भारत में भी सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति हो रही है, और आने वाले वर्षों में हम और भी अधिक शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर देख सकते हैं। आशा है सुपर कंप्यूटर पर यह लेख आपको काफी पसंद आया होगा। हमें पढने के लिए आपका धन्यवाद्

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